करवा चौथ भारत की सबसे पवित्र और प्रतीक्षित व्रत-परंपराओं में से एक है। यह केवल उपवास नहीं बल्कि प्रेम, भक्ति और पति-पत्नी के अटूट वैवाहिक बंधन का उत्सव है। हर साल लाखों महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और समृद्धि की कामना से यह निर्जला व्रत करती हैं।
करवा चौथ 2025 और भी विशेष होने वाला है क्योंकि यह एक अत्यंत शुभ दिन – शुक्रवार, 10 अक्टूबर 2025 को मनाया जाएगा। आइए जानते हैं इस पर्व की सही तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और चंद्रोदय का समय।

करवा चौथ 2025: तिथि और मुहूर्त
- तिथि: शुक्रवार, 10 अक्टूबर 2025
- पूजा मुहूर्त: शाम 05:40 बजे – 06:55 बजे (लगभग 1 घंटा 15 मिनट)
- चंद्रोदय का समय: रात 08:12 बजे
इस समयावधि में व्रत रखना और पूजा करना अत्यंत शुभ माना जाता है तथा व्रत का फल कई गुना बढ़ जाता है।
करवा चौथ 2025 का महत्व
- करवा चौथ दांपत्य सुख, पति की लंबी आयु और समृद्धि का प्रतीक है।
- मान्यता के अनुसार, सबसे पहले माता सावित्री ने यह व्रत रखा था। उन्होंने यमराज से संघर्ष करके अपने पति सत्यवान को अपनी भक्ति और उपवास की शक्ति से पुनः जीवन दिलाया।
- करवा चौथ 2025 शुक्रवार को पड़ रहा है और यह दिन शुक्र ग्रह का है। शुक्र ग्रह को प्रेम, सौंदर्य और विवाह का कारक माना जाता है, जिससे यह पर्व और भी शुभ हो जाता है।
करवा चौथ 2025 पूजा विधि
- सरगी (Sargi) – दिन की शुरुआत सूर्योदय से पहले सास द्वारा दी गई सरगी खाने से करें।
- निर्जला उपवास – पूरे दिन बिना पानी और भोजन के उपवास रखें और भगवान शिव, माता पार्वती, भगवान गणेश और कार्तिकेय की पूजा करें।
- करवा चौथ कथा 2025 – शाम को महिलाएं मिलकर व्रत कथा सुनती हैं और सजी हुई थाली से पूजा करती हैं।
- चंद्रमा की पूजा – चंद्रोदय के समय छलनी से चांद और फिर पति का दर्शन करके अर्घ्य दें और व्रत खोलें।
- पति का आशीर्वाद – पति पत्नी को जल और फलाहार देकर व्रत संपन्न करवाते हैं।
करवा चौथ 2025 पर विशेष ज्योतिषीय योग
- इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा, जो व्रत की शक्ति को कई गुना बढ़ाएगा।
- चंद्रमा मेष राशि में उदित होगा, जिससे रिश्तों में ऊर्जा, उत्साह और सकारात्मकता बढ़ेगी।
- शुक्रवार को होने से शुक्र ग्रह का आशीर्वाद मिलेगा और जीवन में प्रेम, सामंजस्य और वैवाहिक सुख बढ़ेगा।
करवा चौथ 2025: क्या करें और क्या न करें
- पूजा के समय लाल, गुलाबी या सुनहरे रंग के वस्त्र धारण करें।
- पूजा थाली में सुहाग सामग्री जैसे सिंदूर, चूड़ी, मेहंदी और बिंदी अवश्य रखें।
- पूजा हमेशा श्रद्धा और सकारात्मक ऊर्जा के साथ करें।
- नकारात्मक विचार, क्रोध या विवाद से बचें।
- पूजा और चंद्रोदय के शुभ मुहूर्त को न चूकें।
निष्कर्ष
करवा चौथ 2025 शुक्रवार, 10 अक्टूबर को धूमधाम और श्रद्धा के साथ मनाया जाएगा। यह पर्व अनंत प्रेम, समर्पण और वैवाहिक सुख-समृद्धि का प्रतीक है। सही पूजा विधि, व्रत कथा और चंद्रोदय के समय का पालन करने से जीवन में समृद्धि, सकारात्मकता और दांपत्य सुख प्राप्त होता है।
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