नवरात्रि का छठा दिन माँ दुर्गा के छठे स्वरूप माँ कात्यायनी की उपासना के लिए समर्पित है। माँ कात्यायनी को महिषासुर मर्दिनी भी कहा जाता है क्योंकि उन्होंने महिषासुर जैसे बलशाली राक्षस का वध कर देवताओं को विजय दिलाई थी। नवरात्रि 2025 में माँ कात्यायनी की पूजा 27 सितम्बर 2025 को होगी। उनकी उपासना से भक्त को शक्ति, साहस, विवाह सुख और विजय प्राप्त होती है।
Astromadhupriya के अनुसार, इस बार नवरात्रि 2025 में माँ कात्यायनी की आराधना उन युवाओं के लिए विशेष फलदायी है जो अच्छे जीवनसाथी की इच्छा रखते हैं।

माँ कात्यायनी का स्वरूप
माँ कात्यायनी सिंह पर सवार रहती हैं और उनके चार हाथ हैं। दाहिने हाथ में तलवार और वरमुद्रा, तथा बाएँ हाथ में कमल और अभयमुद्रा है। उनका तेजस्वी स्वरूप भक्त को शक्ति और आत्मविश्वास प्रदान करता है।
नवरात्रि 2025 में माँ कात्यायनी की पूजा का महत्व
- विवाह योग्य कन्याओं को योग्य जीवनसाथी प्राप्त होता है।
- करियर और प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता मिलती है।
- शत्रुओं का नाश और भय का अंत होता है।
- घर-परिवार में शांति और सौभाग्य बढ़ता है।
- साहस और आत्मबल में वृद्धि होती है।
Astromadhupriya कहता है कि नवरात्रि 2025 में माँ कात्यायनी की साधना विशेष रूप से विवाह संबंधी बाधाओं को दूर करने में सहायक है।
माँ कात्यायनी की पूजा विधि – नवरात्रि 2025
- सुबह स्नान कर शुद्ध वस्त्र धारण करें।
- पूजा स्थल पर माँ कात्यायनी की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।
- घी या सरसों के तेल का दीपक जलाएं।
- माँ को शहद और लाल फूल अर्पित करें।
मंत्र जपें
“ॐ देवी कात्यायन्यै नमः” का 108 बार जप करें।
अंत में आरती कर माँ से शक्ति और विवाह सुख की प्रार्थना करें।
माँ कात्यायनी का मंत्र
“चंद्रहासोज्ज्वलकरा शार्दूलवरवाहना।
कात्यायनी शुभं दद्यान्महासुरमर्दिनी॥”
माँ कात्यायनी की कथा
पौराणिक कथा के अनुसार, महर्षि कात्यायन ने देवी की तपस्या कर उन्हें अपनी पुत्री रूप में प्राप्त किया। इसीलिए उनका नाम कात्यायनी पड़ा।
माँ कात्यायनी ने देवताओं की प्रार्थना पर महिषासुर का वध किया और उसे मृत्यु को प्राप्त कराकर धर्म की पुनः स्थापना की।
यह कथा हमें यह सिखाती है कि अन्याय और अधर्म पर विजय पाने के लिए साहस और नारीशक्ति ही सबसे बड़ी ताकत है।
माँ कात्यायनी की उपासना के लाभ – नवरात्रि 2025
- विवाह में आने वाली सभी बाधाएँ समाप्त होती हैं।
- दाम्पत्य जीवन में सामंजस्य और प्रेम बढ़ता है।
- करियर और व्यवसाय में विजय मिलती है।
- शत्रु और नकारात्मक शक्तियाँ नष्ट होती हैं।
- साहस और आत्मबल में वृद्धि होती है।
Astromadhupriya की मान्यता है कि माँ कात्यायनी की कृपा से भक्त को न केवल जीवनसाथी की प्राप्ति होती है बल्कि वह अपने हर क्षेत्र में विजय प्राप्त करता है।
(FAQ)
प्रश्न 1. नवरात्रि 2025 का छठा दिन कब है?
उत्तर: 27 सितम्बर 2025 को माँ कात्यायनी की पूजा होगी।
प्रश्न 2. माँ कात्यायनी का वाहन कौन-सा है?
उत्तर: उनका वाहन सिंह है।
प्रश्न 3. माँ कात्यायनी को कौन-सा भोग प्रिय है?
उत्तर: माँ को शहद और लाल फूल अर्पित करना शुभ माना जाता है।
प्रश्न 4. माँ कात्यायनी की पूजा से क्या लाभ मिलता है?
उत्तर: विवाह सुख, साहस, शत्रु नाश और सफलता की प्राप्ति होती है।
प्रश्न 5. Astromadhupriya क्यों चुनें?
उत्तर: Astromadhupriya नवरात्रि 2025 के लिए विशेष ज्योतिषीय परामर्श और व्यक्तिगत उपाय प्रदान करता है, जिससे जीवन की बाधाएँ दूर होती हैं।
निष्कर्ष
नवरात्रि 2025 का छठा दिन माँ कात्यायनी की आराधना का है। उनकी पूजा करने से विवाह संबंधी बाधाएँ दूर होती हैं और भक्त को साहस, शक्ति और सफलता का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
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जय माता दी!