नवरात्रि का पाँचवाँ दिन माँ दुर्गा के पाँचवें स्वरूप माँ स्कंदमाता की पूजा के लिए समर्पित है। माँ स्कंदमाता को भगवान कार्तिकेय (स्कंद) की माता होने के कारण यह नाम मिला। उनके स्वरूप में मातृत्व की करुणा, शक्ति और संरक्षण की झलक मिलती है। नवरात्रि 2025 में माँ स्कंदमाता की पूजा 26 सितम्बर 2025 को होगी। उनकी आराधना से भक्त को धन-समृद्धि, ज्ञान, और पारिवारिक सुख की प्राप्ति होती है।
Astromadhupriya के अनुसार, इस बार नवरात्रि 2025 में माँ स्कंदमाता की पूजा विशेष रूप से उन लोगों के लिए फलदायी है जो जीवन में शांति, संतान सुख और स्थिरता की कामना रखते हैं।

माँ स्कंदमाता का स्वरूप
माँ स्कंदमाता सिंह पर सवार रहती हैं और उनकी गोद में बाल स्कंद (कार्तिकेय) विराजमान होते हैं। उनके पाँच हाथ हैं, जिनमें कमल पुष्प और शिशु स्कंद शामिल हैं। उनका आभामंडल इतना तेजस्वी है कि साधक की सभी समस्याएँ दूर हो जाती हैं।
उनका यह स्वरूप बताता है कि मातृत्व और शक्ति का संगम ही जीवन का आधार है।
नवरात्रि 2025 में माँ स्कंदमाता की पूजा का महत्व
- संतान सुख की प्राप्ति।
- घर-परिवार में शांति और सामंजस्य।
- आर्थिक उन्नति और करियर में सफलता।
- रोग और मानसिक तनाव से मुक्ति।
- आध्यात्मिक उन्नति और ज्ञान प्राप्ति।
Astromadhupriya कहता है कि नवरात्रि 2025 में माँ स्कंदमाता की आराधना विशेष रूप से उन दंपतियों के लिए शुभ है जो संतान सुख की इच्छा रखते हैं।
माँ स्कंदमाता की पूजा विधि – नवरात्रि 2025
- सुबह स्नान कर व्रत और पूजा का संकल्प लें।
- माँ स्कंदमाता की प्रतिमा या चित्र को सिंहासन पर स्थापित करें।
- घी का दीपक जलाएं और पूजा स्थल को सुगंधित करें।
- माँ को पीले फूल और केले का भोग अर्पित करें।
- ध्यानपूर्वक “ॐ देवी स्कन्दमातायै नमः” मंत्र का 108 बार जाप करें।
- अंत में आरती कर माँ से परिवार और संतान की समृद्धि की प्रार्थना करें।
माँ स्कंदमाता का मंत्र
“सिंहासनगता नित्यं पद्माश्रितकरद्वया।
शुभदास्तु सदा देवी स्कन्दमाता यशस्विनी॥”
माँ स्कंदमाता की कथा
पौराणिक कथा के अनुसार, माँ दुर्गा ने तारकासुर नामक असुर का वध करने के लिए भगवान शिव से विवाह कर पुत्र कार्तिकेय (स्कंद) को जन्म दिया। जब कार्तिकेय बड़े हुए, तो उन्होंने असुरों का नाश कर देवताओं को विजय दिलाई।
माँ स्कंदमाता इसीलिए मातृत्व और विजय की देवी मानी जाती हैं।
यह कथा हमें सिखाती है कि मातृत्व केवल करुणा ही नहीं बल्कि अपार शक्ति का भी प्रतीक है।
माँ स्कंदमाता की उपासना के लाभ – नवरात्रि 2025
- संतान सुख और परिवारिक समृद्धि।
- स्वास्थ्य में सुधार और मानसिक शांति।
- करियर और व्यवसाय में प्रगति।
- भक्त को ज्ञान और विवेक की प्राप्ति।
- नकारात्मक ऊर्जा और बाधाओं का नाश।
Astromadhupriya के अनुसार, नवरात्रि 2025 में माँ स्कंदमाता की पूजा विशेषकर उन लोगों को करनी चाहिए जो संतान सुख, परिवारिक शांति और जीवन की स्थिरता चाहते हैं।
(FAQ)
प्रश्न 1. नवरात्रि 2025 का पाँचवाँ दिन कब है?
उत्तर: 26 सितम्बर 2025 को माँ स्कंदमाता की पूजा होगी।
प्रश्न 2. माँ स्कंदमाता का वाहन कौन-सा है?
उत्तर: माँ स्कंदमाता सिंह पर सवार रहती हैं।
प्रश्न 3. माँ स्कंदमाता को कौन-सा भोग प्रिय है?
उत्तर: माँ को केले और पीले फूल चढ़ाना शुभ माना जाता है।
प्रश्न 4. माँ स्कंदमाता की पूजा से क्या लाभ होता है?
उत्तर: संतान सुख, पारिवारिक सामंजस्य और आर्थिक समृद्धि।
प्रश्न 5. Astromadhupriya क्यों विशेष है?
उत्तर: Astromadhupriya नवरात्रि 2025 में आपके जीवन की समस्याओं के लिए ज्योतिषीय समाधान और व्यक्तिगत उपाय प्रदान करता है।
निष्कर्ष
नवरात्रि 2025 का पाँचवाँ दिन माँ स्कंदमाता की आराधना का है। उनकी पूजा करने से भक्त को संतान सुख, पारिवारिक सामंजस्य और आर्थिक उन्नति का आशीर्वाद मिलता है। वे माँ के स्वरूप में करुणा और शक्ति का अद्वितीय संगम हैं।
यदि आप नवरात्रि 2025 में माँ स्कंदमाता की विशेष कृपा प्राप्त करना चाहते हैं, तो आज ही Astromadhupriya से जुड़कर व्यक्तिगत ज्योतिषीय मार्गदर्शन और पूजन उपाय जानें।
जय माता दी!