सावन मास का हिन्दू धर्म में विशेष महत्त्व है, और इसी मास की शिवरात्रि को “सावन शिवरात्रि” के नाम से जाना जाता है। यह पर्व भगवान शिव की आराधना, व्रत, तप और भक्ति का एक अत्यंत शुभ अवसर होता है। विशेष रूप से यह व्रत शिव भक्तों के लिए मोक्ष और सुख-शांति प्राप्ति का माध्यम माना जाता है। सावन शिवरात्रि वर्ष की उन चार प्रमुख शिवरात्रियों में से एक मानी जाती है, और इसका विशेष महत्त्व कुंवारी कन्याओं, विवाहित महिलाओं और शिव उपासकों के लिए होता है। आइए जानते हैं सावन शिवरात्रि 2025 की तिथि, पूजा का शुभ मुहूर्त और इससे जुड़ी विशेष पूजन विधि।

सावन शिवरात्रि 2025 की तिथि और समय:
तिथि व समय
प्रारंभ: 23 जुलाई सुबह 4:39 बजे
समाप्ति: 24 जुलाई सुबह 2:28 बजे
निशिता काल (सबसे शुभ समय): 24 जुलाई मध्य रात्रि 12:07–12:48 बजे (कुछ स्रोतों में 12:25–01:08 AM दिखाया गया है)
यह समय रात्रि के चौथे प्रहर का होता है, और इसी समय भगवान शिव का विवाह माता पार्वती से हुआ था, इसलिए इसे विशेष रूप से शुभ माना जाता है।
23 जुलाई शाम 7:17–9:53 तक
9:53 PM – 12:28 AM (24 जुलाई)
12:28–03:03 AM
03:03–05:38 AM
सावन शिवरात्रि का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्त्व:
शिवरात्रि का तात्पर्य है – “शिव की रात्रि”। यह वह रात्रि मानी जाती है जब भगवान शिव ने तांडव किया था और उसी रात उनका विवाह भी माता पार्वती से संपन्न हुआ। सावन शिवरात्रि विशेष रूप से वर्षा ऋतु में आती है जब वातावरण शिवमय होता है।
इस दिन भक्त व्रत रखते हैं, जलाभिषेक करते हैं, और भगवान शिव के पंचाक्षरी मंत्र “ॐ नमः शिवाय” का जाप करते हैं। कहा जाता है कि इस दिन की गई पूजा से समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं और मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं।
पूजन विधि (Sawan Shivratri Puja Vidhi):
स्नान और संकल्प: प्रातः काल स्नान कर साफ वस्त्र पहनें। शिवरात्रि व्रत का संकल्प लें और भगवान शिव का ध्यान करें। मंदिर या घर में शिवलिंग की स्थापना करें।
घर पर उपलब्ध शिवलिंग को गंगाजल, दूध, दही, शहद, घी और शक्कर से स्नान कराएं।
पूजन सामग्री अर्पित करें: बेलपत्र, धतूरा, भस्म, आक, चंदन, फूल, फल और मिठाई अर्पित करें।
शिव मंत्र का जाप करें:
“ॐ नमः शिवाय“
“ॐ त्र्यंबकं यजामहे…” (महामृत्युंजय मंत्र)
चार प्रहर की पूजा करें:
प्रत्येक प्रहर में शिव को अलग-अलग प्रकार का भोग और अभिषेक अर्पित करें। रात्रि जागरण और कथा श्रवण करें। रात भर शिव भक्ति में लीन रहें और शिव पुराण की कथाएँ सुनें। अंत में आरती करें और प्रसाद वितरित करें।
राशि अनुसार शिव पूजन विधि:
राशि – पूजन उपाय और मंत्र
मेष राशि – लाल फूल और बेलपत्र चढ़ाएं, “ॐ केशवाय नमः” का जाप करें
वृषभ राशि – दूध और दही से अभिषेक करें, “ॐ वृषभध्वजाय नमः” बोलें
मिथुन राशि – मिश्री और दूर्वा अर्पित करें, “ॐ सोमेश्वराय नमः” बोलें
कर्क राशि – चावल और केवड़े का जल अर्पित करें, “ॐ चंद्रमौलेश्वराय नमः”
सिंह राशि – शहद और गंगाजल से अभिषेक करें, “ॐ रुद्राय नमः”
कन्या राशि – तुलसी और चंदन से पूजन करें, “ॐ शिवाय नमः”
तुला राशि – गुलाब के फूल और इत्र चढ़ाएं, “ॐ शंकराय नमः”
वृश्चिक राशि – काले तिल और जल से अभिषेक करें, “ॐ महाकालाय नमः”
धनु राशि – पंचामृत से स्नान कराएं, “ॐ भोलेनाथाय नमः”
मकर राशि – अक्षत और बेलपत्र अर्पित करें, “ॐ नीलकंठाय नमः”
कुंभ राशि – मिश्री मिले जल से पूजन करें, “ॐ त्र्यम्बकाय नमः”
मीन राशि – दूध और केसर से अभिषेक करें, “ॐ सदाशिवाय नमः”
व्रत का फल और लाभ:
संतान प्राप्ति की कामना रखने वालों के लिए अत्यंत शुभ।
दांपत्य जीवन में प्रेम और सामंजस्य बढ़ता है।
मानसिक शांति, आर्थिक समृद्धि और स्वास्थ्य लाभ होता है।
पितृ दोष, कालसर्प दोष जैसी ज्योतिषीय बाधाओं से मुक्ति मिलती है।
कुछ महत्वपूर्ण सावधानियाँ:
पूजा में तुलसी के पत्ते शिवलिंग पर न चढ़ाएं।
पूजा के लिए बासी जल, दूषित दूध या खराब फल न चढ़ाएं।
व्रत के दौरान झूठ बोलने, निंदा करने और क्रोध करने से बचें।
सावन शिवरात्रि 2025 विशेष संदेश
अगर आपकी जिंदगी में किसी भी प्रकार की वियोग, विवाह में रुकावट, मनचाहा प्रेम न मिलना, या दाम्पत्य जीवन की बाधा जैसी समस्याएँ चल रही हैं, तो सावन शिवरात्रि का यह पावन समय महादेव की कृपा पाने का श्रेष्ठ अवसर है।
सावन शिवरात्रि पर विशेष पूजा और समाधान विधि
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“भोलेनाथ की कृपा से हर विघ्न दूर हो सकता है — बस सही समय पर, सही मार्गदर्शन जरूरी है।”
ॐ नमः शिवाय!
