क्या पड़ोसी देशों में फैलाई गई अराजकता की आग अब भारत तक पहुंचेगी? AI और ज्योतिष के विश्लेषण ने चौंकाने वाले राज खोले हैं!
देखते ही देखते हमारे पड़ोस में एक अजीब सी उथल-पुथल मची है। पहले श्रीलंका, जहाँ एक अराजक भीड़ ने राष्ट्रपति भवन और संसद पर धावा बोल दिया। फिर बांग्लादेश में छात्र आंदोलन हिंसक रूप लेते नज़र आए। और अभी हाल ही में, नेपाल में भी ठीक वैसा ही दृश्य दिखाई दिया, जहाँ संसद के आस-पास अचानक हिंसक प्रदर्शन भड़क उठे। एक सोची-समझी साजिश के तहत दक्षिण एशिया में अस्थिरता का जहर घोला जा रहा है, जिसके पीछे डीप स्टेट और चीन जैसे बाहरी ताकतों का हाथ साफ़ नज़र आ रहा है।

लेकिन इससे भी ज़्यादा दुःखद और चिंताजनक बात यह है कि भारत के कुछ विपक्षी दलों, विशेष रूप से कांग्रेस और आम आदमी पार्टी, ने इन घटनाओं का जमकर महिमामंडन किया। ऐसा लगता है मानो उन्हें इन देशों की बर्बादी में एक उम्मीद की किरण दिखाई दी है। उन्हें लगता है कि अराजकता फैलाकर, संस्थानों को कमज़ोर करके, वे भारत में भी 2024 या 2029 में नरेंद्र मोदी जी को सत्ता से हटा सकते हैं।
लेकिन क्या सचमुच ऐसा संभव है? क्या भारत की मज़बूत लोकतांत्रिक नींव को हिलाया जा सकता है?
इसका जवाब जानने के लिए, हमने पिछले तीन महीने में इंटरनेट पर उपलब्ध देश के प्रमुख ज्योतिषियों की भविष्यवाणियों का एक AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) विश्लेषण कराया। इस अनोखे और अद्वितीय शोध का निचोड़ जो सामने आया, वह अत्यंत चौंकाने वाला और गंभीर है। ज्योतिषीय गणना clearly इशारा करती है कि 2026-2027 का समय भारतवर्ष के लिए अत्यंत चुनौतीपूर्ण और उथल-पुथल भरा हो सकता है।
2026-27: ग्रहों का वह ‘खतरनाक’ खेल जो बदल सकता है इतिहास
Astromadhupriya के विशेषज्ञों की मानें तो यह उथल-पुथल मुख्य रूप से बृहस्पति, मंगल, शनि, सूर्य, चंद्र, राहु और केतु जैसे शक्तिशाली ग्रहों के गोचर, युति और ग्रहणों के कारण बन रही है। ये संयोग देश की राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक स्थिति को गहराई से प्रभावित करेंगे।
- जुलाई-अगस्त 2026: विनाश और पुनर्सृजन का काल
सबसे Critical Period 12 जुलाई से 15 अगस्त, 2026 के बीच का है। इस दौरान गुरु (बृहस्पति), चंद्र और सूर्य तीनों एक साथ कर्क राशि में रहेंगे। ज्योतिष शास्त्र में तीन प्रमुख ग्रहों का एक राशि में एक साथ आना एक शक्तिशाली और दुर्लभ योग बनाता है। इसका प्रभाव अत्यंत गहन होगा – पहले विनाश और उसके बाद ही सृजन की प्रक्रिया शुरू होगी। यह समय देश के लिए एक बड़ी परीक्षा लेकर आएगा। - मंगल और शनि का प्रकोप
मंगल का गोचर मकर राशि में और उसके बाद की अन्य राशियों में बड़े संकट का सूचक है। यह आकस्मिक हिंसा, दुर्घटनाओं और तनाव को बढ़ावा देगा। इसी समय, शनि की स्थिति भी चिंताजनक है। पुष्य नक्षत्र में शनि का प्रभाव वृहत स्तर पर विनाश की संभावना को दर्शाता है। विशेष रूप से, मीन राशि में स्थित शनि जुलाई-अगस्त 2026 में पूर्ण रूप से विध्वंस का योग बना रहा है, जो राष्ट्रीय एकता के लिए एक गंभीर खतरा हो सकता है। - राहु-मंगल का भीषण आमना-सामना
जुलाई 2026 का एक और अत्यंत दुर्लभ और खतरनाक संयोग राहु और मंगल का एक ही डिग्री पर कुंभ और सिंह राशियों में आमना-सामना होना है। यह योग अचानक बड़ी राजनीतिक उठा-पटक, सत्ता परिवर्तन के प्रयास और प्राकृतिक आपदाओं का संकेत देता है। यह वही समय है जब देश के विरोधी तत्व, विदेशी शक्तियों के साथ मिलकर, देश में अफ़वाहों और हिंसा की आग लगाने का प्रयास कर सकते हैं।
2026-27: संक्षिप्त ज्योतिषीय भविष्यवाणी का सार
2026: गुरु, चंद्र, सूर्य का कर्क राशि में संयोग, शनि, मंगल, राहु, केतु का अशुभ गोचर।
परिणाम: देश की सीमाओं पर तनाव, बड़े पैमाने पर आंदोलन, अचानक प्राकृतिक आपदाएँ (जैसे भीषण बाढ़, सूखा), और गहन राजनीतिक अस्थिरता की संभावना।
2027: शनि, मंगल और राहु का और भी गहराता योग।
परिणाम: राजनीतिक गठबंधनों का टूटना, अत्यंत गंभीर राजनीतिक संकट, कुछ क्षेत्रों में मार्शल लॉ जैसी स्थितियाँ उत्पन्न होना और सेना के हस्तक्षेप तक की नौबत आ सकती है।
क्या है समाधान? डरें नहीं, सजग रहें!
ज्योतिष भविष्यवाणी का उद्देश्य डराना नहीं, बल्कि सचेत करना और मार्गदर्शन करना है। भारत की जन्म कुंडली अत्यंत प्रबल है और हमारे राष्ट्रीय चरित्र में संकटों का डटकर सामना करने की शक्ति है। इन ग्रहों के अशुभ प्रभावों को कम करने के लिए सामूहिक प्रयास, राष्ट्रभक्ति और आध्यात्मिक साधना का सहारा लिया जा सकता है।
अपने और देश के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए आज ही सही कदम उठाएं!
क्या आप जानना चाहते हैं कि इन ग्रहीय संयोगों का आपके Personal Life पर क्या प्रभाव पड़ेगा? कैसे आप अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं?
Astromadhupriya के विशेषज्ञ ज्योतिषी आपके लिए तैयार हैं। हम आपको बताएंगे:
आपकी जन्म कुंडली के अनुसार, इन राष्ट्रीय घटनाओं का आप पर क्या प्रभाव होगा।
आप किन विशेष मंत्रों, रत्नों या उपायों से अपनी सुरक्षा कर सकते हैं।
अपने Career, Health और Relationships को इन उथल-पुथलों से कैसे बचाए रखें।
याद रखें, जागरूकता ही सुरक्षा है। ग्रहों के इस ‘खतरनाक खेल’ को अपनी सूझबूझ और सही मार्गदर्शन से जीता जा सकता है। Astromadhupriya आपका विश्वसनीय साथी है।
